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नज़्म

मिला लो दिल से दिल या टुकड़े हजार कर दो हो जाओ रुखसत जिंदगी से मेरी या मुझे अपना तलब गार कर दो छोड़ दो तन्हा सफर में यह ताउम्र का साथ कर दो बन जाओ हिज्र का दिन तुम या वस्ल की रात कर दो भुला दो वह लम्हे सारे या हक उनका अदा... Continue Reading →

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