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देख जिंदगी

देख जिंदगी तेरे आगे खड़ा हूं मैं

 तूने डराया था सताया था मेरे ख्वाबों को भी पैरों तले दबाया था

 जो चला  तो गिरा दिया,जो उठा तो सुला दिया

पर अंगारे हाथ में लिए आसमानों में उड़ा हूं मैं

देख जिंदगी तेरे आगे खड़ा हूं मैं


 जब दोस्त साथ छोड़ गए

जब अपने रिश्ते तोड़ गए

जब मंजिल थी करीब मेरे, रास्ते मुंह मोड़ गए

पर आंसू आंख में लिए अपने वक्त से भी लड़ा लड़ा हूं मैं

देख जिंदगी तेरे आगे खड़ा हूं मैं..


जब मुश्किलों का था सवेरा मजबूरियों की रात  थी

 जमाने ने भी था ठुकराया ना नहीं ये कोई बात थी

 पर उम्मीद ज़हन में लिए अपनी   रंजिशों में जला हूं मैं

देख जिंदगी तेरे आगे खड़ा हूं मैं..


जब अंधेरे रास्तों में लड़खड़ाया था

जब खुद के वजूद से भी घबराया था

खौफ ने जब मुझे उन रातों को जगाया था

तब हौसला दिल में लिए उन अंधेरों से मिला हूं मै

देख जिंदगी तेरे आगे खड़ा हूं मैं..


जब भावनाएं रिक्त थीं तमन्नाएं थी मर रही

सांसो में थी सिसक जमी भी थी मेरी मेरी तप रही

 प्यार से संभाला था तुझे पर कांटों सी थी तू कट रही

तब यह कांटे सीने में लिए फूल सा खिला हूं मैं

देख जिंदगी तेरे आगे खड़ा हूं मैं…

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One thought on “देख जिंदगी

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